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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\astroupdate.com\httpdocs\wp-includes\functions.php on line 6114शिवरात्रि व्रत पूजा कैसे करे– शिवपुराण की कोटिरुद्रसंहिता में बताया गया है कि शिवरात्रि व्रत का पालन करने से भोग और मोक्ष दोनों प्राप्त होते हैं। ब्रह्मा, विष्णु और पार्वती के पूछने पर भगवान सदाशिव ने बताया कि शिवरात्रि का व्रत करने से व्यक्ति को महान पुण्य की प्राप्ति होती है। मोक्ष प्रदान करने वाले चार संकल्पों का पालन करना चाहिए। ये चार संकल्प हैं – शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा, रुद्रों का जाप, शिव मंदिर में उपवास और काशी में काशी में देहत्याग। शिवपुरी में मोक्ष के चार अनन्त मार्ग बताए गए हैं। इन चारों में भी शिवरात्रि व्रत का विशेष महत्व है। तो यह किया जाना चाहिए।
शिवरात्रि व्रत पूजा कैसे करे – यह सभी के लिए धर्म का सबसे अच्छा साधन है। इस महान व्रत को सभी मनुष्यों, वर्णों, स्त्रियों, बच्चों और देवताओं के लिए बिना पाप के परम उपकारी माना गया है। हर महीने के शिवरात्रि व्रत में फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को होने वाले महाशिवरात्रि व्रत का शिव पुराण में विशेष महत्व है।
शिवरात्रि व्रत पूजा कैसे करे – देवों के देव महादेव का महाशिवरात्रि व्रत भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। हिंदू धर्म में, महाशिवरात्रि का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।18 फरवरी 2023 को यानि शनिवार को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जायेगा। इस पर्व पर भोले नाथ का अनूठा शृंगार किया जाएगा।
शिवरात्रि व्रत पूजा कैसे करे – रोशनी की रंग-बिरंगी रोशनी से शिवालय जगमगाएंगे। इस शुभ अवसर पर, मंदिरों में शिव भक्तों की एक बड़ी भीड़ शिवलिंग को देखने के लिए उमड़ती है।
शिवरात्रि व्रत पूजा कैसे करे – कहा जाता है कि इस दिन शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है। हजारों भक्त कावड़ में गंगा जल लाते हैं और भगवान शिव को स्नान कराते हैं। शिवरात्रि को विशेष रूप से चार बजे के आसपास मंदिरों में पूजा की जाती है।
शिवरात्रि व्रत पूजा कैसे करे – शिवरात्रि के दिन, भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए और “ऊँ नमो नम: शिवाय” मंत्र से पूजा करनी चाहिए। इसके बाद, रात्रि के चार घंटे में शिव की पूजा करके, अगले दिन सुबह ब्राह्मणों को व्रत करना चाहिए और ब्राह्मणों को भिक्षा देनी चाहिए।
-महा शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनकर व्रत शुरू करें ।
-इसके बाद शिव मंदिर जाएं या घर के मंदिर में ही शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
-पानी डालने के लिए सबसे पहले तांबे के लोटे में गंगा जल लें। अगर गंगा जल नहीं है, तो सादे पानी में गंगा जल की कुछ बूंदें मिलाएं।
–शिवरात्रि व्रत पूजा कैसे करे – अब कमल में चावल और सफेद चंदन मिलाएं और “ऊं नम: शिवाय” कहते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
– जल चढ़ाने के बाद चावल, बेल-पत्र, सुगंधित फूल, धतूरा, भांग, बेर, अमर मंजरी, जौ के दाने, तुलसी की दाल, गाय का कच्चा दूध, गन्ने का रस, दही, शुद्ध देसी घी, शहद, पंच फल, पंच मेवा, पंच रस, इत्र, मौली, जनेऊ और पंच मिष्ठान एक-एक करके।
-अब शमी के पत्तों को चढ़ाते समय ये मंत्र जाप करें:
-अमंगलाननम शमिनी शमिनी दशकृतास्य च।
-दु: स्वप्रनाशिनीधन्यां प्रपद्येहं शमीं शुभाम्।।
– शमी के पत्ते अर्पित करने के बाद शिवजी को धूप और दीप दिखाएं।
– फिर कर्पूर से आरती कर प्रसाद वितरित करें।
– शिवरात्रि पर रात्रि जागरण फलदायी माना जाता है।
– ‘निशीथ काल’ में शिवरात्रि का पूजन करना श्रेष्ठ है। रात के आठवें मुहूर्त को निशीथ काल कहा जाता है। हालांकि, भक्त रात के चार में से किसी एक ध्रुव में सच्ची श्रद्धा के साथ शिव की पूजा कर सकते हैं।
शिवरात्रि पूजा की कुछ खास बातें – Shivratri Puja Ki Kuchh Khas Baten
शिवरात्रि व्रत पूजा कैसे करे –
इसके पश्च्यात चतुर्दशी की तिथि को निराहार रहकर व्रत करना चाहिए। भगवान् शिव को गंगा जल चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान् शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।