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धनतेरस 2023 |Dhanteras 2023 | धनतेरस कब है | धनतेरस का महत्व

Dhanteras 2023
December 7, 2022

धनतेरस 2023 | जानते हैं कि धनतेरस क्यों मनाई जाती है, साल 2023 में कब आएगी व पर्व के शुभ मुहूर्त और धनतेरस का महत्व

Dhanteras 2023 – दिवाली का त्यौहार हिंदू धर्म में बहुत प्रसिद्ध माना जाता है और धनतेरस से यह त्योहार आरंभ हो जाता है। धन्वंतरि त्रयोदशी भी धनतेरस का ही दूसरा नाम है। दिवाली के सप्ताह में मनाए जाने वाला यह पहला पर्व है। धनतेरस से दूसरे दिन छोटी दिवाली मनाई जाती है और तीसरे दिन दीपावली का पर्व मनाया जाता है। दीवाली के बाद गोवर्धन पूजा की जाती है और इस पूजा के बाद भाई दूज का त्यौहार आता है जोकि भाई बहन के प्रेम को समर्पित है। धनतेरस के दिन नया सामान खरीद कर घर में लाया जाता है। इस दिन सोने चांदी से बने गहने या मूर्ति और नए बर्तनों की खरीदारी को बहुत शुभ माना गया है।

Dhanteras 2023 – यह दिन कुबेर देवता को समर्पित है और इस दिन धन्वंतरि पूजा भक्तों द्वारा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार धनतेरस का यह पर्व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है, जिससे दीपावली की शुरूआत का घोषणा हो जाती है। इस दिन लक्ष्मी माता जी का पूजन भी किया जाता है। भारत में इसे आयुर्वेद दिवस भी माना जाता है। इस दिन लोग वाहन और बिजली से संबंधित उपकरण भी खरीदते हैं। माना जाता है इसदिन खरीदी गई वस्तुओं से धन लाभ होता है। धनतेरस के दिन सोना चांदी की खरीद बहुत की जाती है और इन दुकानों पर काफी भीड़ देखने को मिलती है।

धनतेरस क्यों मनाई जाती है – Dhanteras Kyo Manai Jati Hai 

Dhanteras 2023 – इस दिन को माता श्री लक्ष्मी जी और कुबेर देवता के आर्शीवाद को पाने के लिए मनाया जाता है और भगवान धनवंतरी को पूजा पाठ द्वारा प्रसन्न किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन समुद्र मंथन के समय श्री लक्ष्मी जी और धन्वंतरी देवता अमृत कलश को हाथ में लेकर प्रकट हुए थे। सृष्टि को स्वास्थ्य और सुखी जीवन देने के उद्देश्य से इस देवता और माता ने दर्शन दिए थे। इसी कारण से इस दिन को धन्वंतरि जयंती के नाम से भी मनाया जाता है। अमृत कलश के साथ प्रकट होने की वजह से ही लोग इस दिन बर्तनों को खरीदना शुभ मानते हैं।

 

धनतेरस की पूजा से जुडी जानकारी – Dhanteras Ki Puja Se Judi Jankari 

Dhanteras 2023 – इस दिन को मनाते समय हल्दी और चावल को पीसकर एक लेई बनाई बनाई जाती है, जिससे घर के दरवाजे पर ओम बनाया जाता है। इस दिन कई भक्तों द्वारा चांदी के बर्तनों माता लक्ष्मी जी को भोग लगाया जाता है, जिसे बाद में पूजा के प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। इस दिन सुन्दरकाण्ड के पाठ से सारे कष्टों का नाश हो जाता है। त्रयोदशी के दिन मनाए जाने वाले इस पर्व पर तेरह दीपक जलाकर देवता कुबेर की आराधना की जाती है।

 

धनतेरस 2023 के शुभ मुहूर्त  – Dhanteras 2023 Ke Shubh Muhurt 

Dhanteras 2023 – धनतेरस के दिन संध्याकाल में की गई पूजा से कई गुना ज्यादा फल की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा के समय गणेश जी की प्रतिमा को पूजा स्थल पर स्थापित करना चाहिए। वर्ष 2023 में 10 नवंबर को शुक्रवार के दिन यह धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा जोकि दिवाली के आरंभ का संकेत है।

 06:02 pm  से 08:00 pm तक रहेगा। पूजन का समय अवधि करीब 1 घण्टा 58 मिनट तक रहेगा 

धनतेरस का महत्व – Dhanteras Ka Mahatva 

Dhanteras 2023 – भारत में यह पर्व बहुत विशेष माना गया है क्योंकि इसी दिन से दिवाली की शुरुआत हो जाती है। भाई दूज तक प्रत्येक दिनों को पूरे भारत में अलग अलग भगवानों की पूजा के साथ मनाया जाता है। इस दिन भक्त खुशहाली, समृद्धि और धन की प्राप्ति की कामना कर माता श्री लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस दिन अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए भी लोग इस दिन भगवान जी की आराधना करते हैं। इस दिन विधि विधान से की गई पूजा और पाठ से मनुष्य को कल्याण की प्राप्ति होती है। 

Dhanteras 2023 – धनतेरस के दिन घर में नई वस्तुओं को लाने की परंपरा बहुत पुराने समय से चली आ रही है, जिसका अनुसरण आज के समय में भी किया जाता है। इस दिन घर में आई चीजें धन लाभ को साथ में लेकर आती हैं। कई क्षेत्रों में सात अनाजों की पूजा भी की जाती है। इन सात अनाजों की सूची में गेंहू, जौ, चना, मसूर, उड़द और चावल शामिल हैं। इस दिन सभी पुरानी वस्तुओं की साफ सफाई करके नकारात्मक ऊर्जा और आलस्य को दूर भगाया जाता है। हिंदुओं के लिए दिवाली की तरह ही इस दिन का भी बहुत महत्व है।

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