Dhanteras – धनतेरस का पवन पर्व कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोतशी कोमनाई जाती है आज 10 नवंबर 2023 को बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समु्द्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी जी प्रकट हुए थे, इसी वजह से धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी जी की पूजा होती है। धनतेरस के दिन लक्ष्मी जी की पूजा, भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है और नए वाहन की भी पूजा की जाती है , धनतेरस के दीन सोने के आभूषण बर्तन नया वाहन खरीदने का अधिक प्रचलन भी है। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन सोने या चांदी का सामान और बर्तन खरीदने से मां लक्ष्मी जी की असीम कृपा होती है। परिवार में सुख-समृद्धि आती है। दुखो का अंत होता है ऐसी मान्यता है कि इस दिन कोई नया सामान खरीदने से हमारे धन 13 गुना अधिक बढ़ जाता है।
Dhanteras – विद्द्वान ज्योतिष्यो की मान्यता के अनुसार धनतेरस वाले दिन कुछ समय के लिए राहुकाल लागू रहेगा इसलिए उस समय में कोई भी नई वास्तु की खरीददारी करने से बचें। समय जानने के लिए ज्योतिष से सलाह लें।
Dhanteras – धनतेरस वाले दिन पूजा का समय शाम 5 :48 pm बजे से 7:44 pm के बीच स्थिर लग्न (वृष) रहेगी और स्थिर लग्न में की गई माँ लक्ष्मी जी और भगवान् धन्वन्तरि की पूजा करने का फल हमेशा स्थिर रहने वाला माना जाता है। धनतेरस की शाम 5 :48 pm से 7:44 pm के बीच पूजा करने का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त होगा।
Dhanteras – धनतेरस वाले दिन धन के देवता श्री कुबेर, मां लक्ष्मी जी, भगवान् धन्वंतरि और मृत्यु के देवता यमराज का पूजन किया जाता है। इस दिन सोना, चांदी के आभूषण या बर्तन आदि नई वस्तुए खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस के पावन दिन सोना, चांदी, तांबा, पीतल आदि के बर्तनो को खरीदने की परंपरा चली आरही है।
धनतेरस के पावन दिन सोना या चाँदी के आभूषणों का खरीदना शुभ माना जाता है।
धनतेरस वाले दिन किसी भी निर्धन व्यक्ति को धन का दान देने से माता लक्ष्मी ज्यादा प्रसन्न होती है।
परन्तु ध्यान रहे अपना धन किसी को भी उधार में ना दें, धन को उधार देने से माँ लक्ष्मी नाराज हो जाती है।
Dhanteras – अपने घर के ईशान कोण में गाय के दूध से बने घी का दीपक जलाएं। बत्ती में रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे (मोली) का उपयोग करें साथ ही दिए में थोड़ी सी केसर और मूंग भी डाल दें। जहा हमे दीपक को जलाकर रखना है उस स्थान पर हमे एक बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए कि दीपक को सीधे धरती या घर के आँगन पर न रखें। पहले दीपक रखने वाले स्थान पर चावल की थोड़ी सी ढेरी बना लें और फिर दीपक को उस ढेरी के ऊपर रखें।
Dhanteras – धनतेरस के दिन सोने चांदी बर्तन आदि भी खरीद सकते हैं। आइये अब बात करते हैं कि धनतेरस की पूजा की विधि के बारे में, सबसे पहले चौकी लें उसे अच्छी तरह से साफ करलें फिर उस पर लाल कपडा बिछाएं ,फिर भगवान धन्वंतरी, माता लक्ष्मी और कुबेर की प्रतिमा या मूर्ति को स्थापित करें । इसके बाद घी का दीपक धूप अगरबत्ती आदि जलाएं फूल अर्पित करें। फिर आपने जो भी बर्तन या गहने खरीदे हैं वह माता के समक्ष रख दें।
Dhanteras – धनतेरस के पावन दिन स्टील / एल्युमिनियम के अलावा लोहे की भी वस्तुएं भी नहीं खरीदनी चाहिए। क्योंकि लोहा जो है वो शनि का कारक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन इस धातु से बनी कोई भी चीजें खरीदने से दुर्भाग्य घर में आता है। इसके अलावा धनतेरस के दिन प्लास्टिक की वस्तुएं भी खरीदना अशुभ माना जाता है।
वेद-शास्त्रों की मान्यताओं के अनुसार, दीपक को जलाते समय हमे माता लक्ष्मी के मंत्रो को जरूर जपना चाहिए। इससे व्यक्ति के सभी कामों पर सकारात्मक और अच्छा असर पड़ता है। इसके साथ ही हमे धन लाभ भी होता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पूजा में घी का दीपक अपने बाएं हाथ की ओर जलना चाहिए । इसके अलावा हमे तेल का दीपक दाएं हाथ की ओर रखना चाहिए।
Dhanteras – बिना स्नान किए मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। वहीं महिलाओं को भी विशेष ध्यान रखना चाहिए की माहवारी (पीरियड) के दिनों में मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। स्त्री हो या पुरुष मंदिर में प्रवेश करते समय अपना सिर जरूर ढ़कना चाहिए । पुरुष रूमाल ,गमछा इत्यादि से सिर ढक सकते हैं तो वहीं महिला स्टॉल, चुन्नी या पल्लू आदि से अपने सिर को ढ़क ले।
Dhanteras – माँ लक्ष्मी को फूल, नारियल,फल और फूल चढ़ाएं। मूर्ति के सामने साष्टांग प्रणाम करें और परिवार सहित कल्याण के लिए प्रार्थना करे। कुछ लोग समृद्धि को आमंत्रित करने के निशान के रूप में पूजा माँ लक्ष्मी के सामने सिक्कों का कटोरा भी रखते हैं।
Dhanteras – माना जाता है की मंदिर में स्थापित मूर्तियों में देवी देवताओ का साक्षात वासा होता है। कई लोग सिर्फ अपने घर पर ही पूजा-पाठ कर लेते हैं और मंदिर नहीं जाते। लेकिन कभी मंदिर जाना भी हुआ तो किसी पर्व-त्योहार या व्रत में ही जाते हैं। या फिर व्यक्ति जब अपने जीवन में किसी जटिल समस्या में फंस जाता है तब मंदिर जाकर भगवान के सामने अपना माथा टेकता है। परन्तु मंदिर जाने के अनेको फायदे हैं। इसलिए घर पर पूजा-पाठ करने के साथ ही मंदिर जाकर भी भगवान के दर्शन करना जरूरी होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार मंदिरों में भी भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ पूजा-पाठ की जाती है। इसलिए मंदिर में भी देवी-देवताओं वास होता है ऐसा हम मानते हैं। इसलिए मंदिर जाकर के भगवान के दर्शन करने के एक नहीं बल्कि अनेको लाभ होते हैं।
Dhanteras – धनतेरस का पवन पर्व कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोतशी कोमनाई जाती है आज 23 अक्टूबर 2022 को बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समु्द्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी जी प्रकट हुए थे, इसी वजह से धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी जी की पूजा होती है। धनतेरस के दिन लक्ष्मी जी की पूजा, भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है और नए वाहन की भी पूजा की जाती है , धनतेरस के दीन सोने के आभूषण बर्तन नया वाहन खरीदने का अधिक प्रचलन भी है। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन सोने या चांदी का सामान और बर्तन खरीदने से मां लक्ष्मी जी की असीम कृपा होती है। परिवार में सुख-समृद्धि आती है। दुखो का अंत होता है ऐसी मान्यता है कि इस दिन कोई नया सामान खरीदने से हमारे धन 13 गुना अधिक बढ़ जाता है।
Dhanteras – विद्वान ज्योतिष्यो की मान्यता के अनुसार धनतेरस वाले दिन राहुकाल के समय में कोई भी नई वास्तु की खरीददारी करने से बचें। अधिक जानकारी के लिए किसी विद्वान ज्योतिष से सलाह लें।
Dhanteras – धनतेरस वाले दिन पूजा का समय शाम 5 :48 pm बजे से 7:44 pm के बीच स्थिर लग्न (वृष) रहेगी और स्थिर लग्न में की गई माँ लक्ष्मी जी और भगवान् धन्वन्तरि की पूजा करने का फल हमेशा स्थिर रहने वाला माना जाता है। धनतेरस की शाम शाम 5 :48 pm बजे से 7:44 pm के बीच पूजा करने का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त होगा।
Dhanteras – धनतेरस वाले दिन धन के देवता श्री कुबेर, मां लक्ष्मी जी, भगवान् धन्वंतरि और मृत्यु के देवता यमराज का पूजन किया जाता है। इस दिन सोना, चांदी के आभूषण या बर्तन आदि नई वस्तुए खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस के पावन दिन सोना, चांदी, तांबा, पीतल आदि के बर्तनो को खरीदने की परंपरा चली आरही है।
धनतेरस के पावन दिन सोना या चाँदी के आभूषणों का खरीदना शुभ माना जाता है।
धनतेरस वाले दिन किसी भी निर्धन व्यक्ति को धन का दान देने से माता लक्ष्मी ज्यादा प्रसन्न होती है।
परन्तु ध्यान रहे अपना धन किसी को भी उधार में ना दें, धन को उधार देने से माँ लक्ष्मी नाराज हो जाती है।
Dhanteras – अपने घर के ईशान कोण में गाय के दूध से बने घी का दीपक जलाएं। बत्ती में रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे (मोली) का उपयोग करें साथ ही दिए में थोड़ी सी केसर और मूंग भी डाल दें। जहा हमे दीपक को जलाकर रखना है उस स्थान पर हमे एक बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए कि दीपक को सीधे धरती या घर के आँगन पर न रखें। पहले दीपक रखने वाले स्थान पर चावल की थोड़ी सी ढेरी बना लें और फिर दीपक को उस ढेरी के ऊपर रखें।
Dhanteras – धनतेरस के दिन सोने चांदी बर्तन आदि भी खरीद सकते हैं। आइये अब बात करते हैं कि धनतेरस की पूजा की विधि के बारे में, सबसे पहले चौकी लें उसे अच्छी तरह से साफ करलें फिर उस पर लाल कपडा बिछाएं ,फिर भगवान धन्वंतरी, माता लक्ष्मी और कुबेर की प्रतिमा या मूर्ति को स्थापित करें । इसके बाद घी का दीपक धूप अगरबत्ती आदि जलाएं फूल अर्पित करें। फिर आपने जो भी बर्तन या गहने खरीदे हैं वह माता के समक्ष रख दें।
Dhanteras – धनतेरस के पावन दिन स्टील / एल्युमिनियम के अलावा लोहे की भी वस्तुएं भी नहीं खरीदनी चाहिए। क्योंकि लोहा जो है वो शनि का कारक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन इस धातु से बनी कोई भी चीजें खरीदने से दुर्भाग्य घर में आता है। इसके अलावा धनतेरस के दिन प्लास्टिक की वस्तुएं भी खरीदना अशुभ माना जाता है।
वेद-शास्त्रों की मान्यताओं के अनुसार, दीपक को जलाते समय हमे माता लक्ष्मी के मंत्रो को जरूर जपना चाहिए। इससे व्यक्ति के सभी कामों पर सकारात्मक और अच्छा असर पड़ता है। इसके साथ ही हमे धन लाभ भी होता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पूजा में घी का दीपक अपने बाएं हाथ की ओर जलना चाहिए । इसके अलावा हमे तेल का दीपक दाएं हाथ की ओर रखना चाहिए।
Dhanteras – बिना स्नान किए मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। वहीं महिलाओं को भी विशेष ध्यान रखना चाहिए की माहवारी (पीरियड) के दिनों में मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। स्त्री हो या पुरुष मंदिर में प्रवेश करते समय अपना सिर जरूर ढ़कना चाहिए । पुरुष रूमाल ,गमछा इत्यादि से सिर ढक सकते हैं तो वहीं महिला स्टॉल, चुन्नी या पल्लू आदि से अपने सिर को ढ़क ले।
Dhanteras – माँ लक्ष्मी को फूल, नारियल,फल और फूल चढ़ाएं। मूर्ति के सामने साष्टांग प्रणाम करें और परिवार सहित कल्याण के लिए प्रार्थना करे। कुछ लोग समृद्धि को आमंत्रित करने के निशान के रूप में पूजा माँ लक्ष्मी के सामने सिक्कों का कटोरा भी रखते हैं।
Dhanteras – माना जाता है की मंदिर में स्थापित मूर्तियों में देवी देवताओ का साक्षात वासा होता है। कई लोग सिर्फ अपने घर पर ही पूजा-पाठ कर लेते हैं और मंदिर नहीं जाते। लेकिन कभी मंदिर जाना भी हुआ तो किसी पर्व-त्योहार या व्रत में ही जाते हैं। या फिर व्यक्ति जब अपने जीवन में किसी जटिल समस्या में फंस जाता है तब मंदिर जाकर भगवान के सामने अपना माथा टेकता है। परन्तु मंदिर जाने के अनेको फायदे हैं। इसलिए घर पर पूजा-पाठ करने के साथ ही मंदिर जाकर भी भगवान के दर्शन करना जरूरी होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार मंदिरों में भी भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ पूजा-पाठ की जाती है। इसलिए मंदिर में भी देवी-देवताओं वास होता है ऐसा हम मानते हैं। इसलिए मंदिर जाकर के भगवान के दर्शन करने के एक नहीं बल्कि अनेको लाभ होते हैं।