बिड़ला मंदिर जयपुर ,इतिहास,वास्तु कला,दर्शन समय | Birla Mandir jaipur

बिड़ला मंदिर जयपुर Birla Mandir jaipur

जैसा कि हम सब जानते हैं। भारत मैं विश्व प्रसिद्ध मंदिरों की कोई कमी नहीं है। इन्हीं विश्व प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जयपुर का बिड़ला मंदिर जिसे लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित बिड़ला मंदिर वास्तुकला का एक अद्भुत नजारा पेश करता है। और इसे देखते ही मन उत्साहित हो जाता है।

यह मंदिर भगवान श्री विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है।  इसी के साथ मंदिर के अंदर वास्तुकला का एक अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। जिसकी छवि अन्य हिंदू देवी देवताओं उपनिषदों का आकर्षण मंदिर के अंदर दीवारों पर देखने को मिलता है। मंदिर में हर वर्ष दीपावली जन्माष्टमी जैसे हिंदू त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और मंदिर को सजाया जाता है। जोकि देखते ही बनता है और उस नजारे को देखने के लिए दूर-दूर से लोग मंदिर आते हैं।

मंदिर प्रतिदिन प्रातः 8:00 से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम 4:00 से 8:00 के बीच खुला रहता है। लेकिन पर्यटकों के अनुसार है सबसे अच्छा समय संध्या के बाद का माना जाता है जहां मंदिर की खूबसूरती दिन दूनी रात चौगनी नजर आती है। बिड़ला मंदिर, जयपुर में मोती डूंगरी गणेश जी का मंदिर के पास तिलक नगर में स्थित है। जहां आपको भगवान श्री गणेश जी के मंदिर में भी जाने का अवसर प्राप्त होता है। इसी के साथ आप भगवान श्री नारायण और  भगवान श्री गणेश के एक साथ दर्शन प्राप्त कर सकते हैं। चलिए अब हम इस मंदिर के इतिहास और वास्तु कला को और अच्छे से जाने।

 

बिड़ला मंदिर जयपुर का इतिहास History Of Birla mandir

 

जयपुर के बिड़ला मंदिर का निर्माण 1988 में घनश्याम बिड़ला और रामानुज दास के निर्देशन में शुरू हुआ जो कि 22 फरवरी 1997 को  को आमजन के लिए खोल दिया गया। माना जाता है कि जयपुर के महाराजा द्वारा यह मंदिर की जमीन बिड़ला परिवार को एक रुपए अल्प राशि में दी गई थी। 

बिरला मंदिर जयपुर

बिड़ला मंदिर जयपुर वास्तु कला  Birla Mandir Jaipur Architecture

बिड़ला मंदिर जयपुर वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण पेश करता है। शायद आज के जमाने में ऐसा मंदिर फिर से बना पाना मुश्किल हो। बिड़ला मंदिर जयपुर पूर्ण रूप से सफेद संगमरमर से बना हुआ है।  जोकि  देखने में बहुत ही सुंदर लगता है।  मंदिर के चार अलग-अलग हिस्से है।  जिसमें मुख्य भाग गर्भगृह,मीनार, मुख्य प्रवेश द्वार है इसमें तीन टावर है जो  तीन मुख्य धर्मों वह प्रदर्शित करते हैं 

साथ ही साथ प्राचीन हिंदू कहानियों को दर्शाती हुई  कांच  की खिड़कियां हैं। संगमरमर की मूर्तियां हिंदू प्राचीन कथा को प्रदर्शित करती है।  इसके अंदर हिंदू देवी देवताओं विशेषकर श्री नारायण विष्णु , माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को दर्शाया गया है और साथ ही साथ बाहरी दीवारों पर क्राइस्ट, वर्जिन मैरी, सेंट पीटर, बुद्ध, कन्फ्यूशियस और सुकरात जैसे दार्शनिक महात्माओं को दिखाया गया है।

बिड़ला मंदिर जयपुर के संत श्री रुकमणी देवी बिड़ला ,बृजमोहन बिड़ला की मूर्तियां अग्र भाग स्थित  मंडपम के साथ है।  जोकि मंदिर के सामने हाथ जोड़ें मुद्रा में दिखाई देते हैं।  बिड़ला मंदिर जयपुर को बनाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि यह मंदिर अपनी एक अलग पहचान रखे इसके लिए मंदिर को जयपुर के क्षितिज से ऊपर उठा कर बनाया गया है। 

मंदिर के पीछे पहाड़ पहाड़ है जिस पर महारानी गायत्री देवी का महल बना हुआ है।  जिसके कारण यह मंदिर देखने में और भी मनमोहक लगता है। इसके अलावा मंदिर के चारों और छोटे-छोटे बगीचे हैं और छोटे दुकाने हैं। मंदिर में बिड़ला परिवार का एक संग्रहालय भी बना हुआ है।  जहां बिड़ला  परिवार से जुड़ी हुई तस्वीरें और वस्तुओं को संग्रहित किया गया है।  

बिड़ला मंदिर जयपुर  दर्शन  का समय  Birla Mandir Jaipur Darshan Timings

 

यूं तो बिड़ला मंदिर साल के 365 दिन पर्यटन के लिए खुला रहता है। बिड़ला मंदिर में दर्शन का समय प्रातः 8:00 बजे से दोपहर के 12:00 बजे तक और शाम को 4:00 से 8:00 तक रहता है। बाकी समय मंदिर के पट बंद रहते हैं परंतु पर्यटक मंदिर जा सकते हैं और मंदिर की वास्तुकला का आनंद ले सकता है। 

 

 

यूं तो आप साल के 12 महीने में कभी भी जयपुर के बिड़ला मंदिर जा सकते हैं।  फिर भी बिड़ला मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से अक्टूबर तक माना जाता है क्योंकि  बिड़ला मंदिर राजस्थान में जहां गर्मियों में तेज गर्मी पड़ती है।  अप्रैल से लेकर जुलाई तक यहां तेज  गर्मी पड़ती है।

 

इसलिए जयपुर के बिड़ला मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय बसंत ऋतु या फिर सर्दियों के महीने यानी कि अक्टूबर से लेकर मार्च तक माना जाता है।  इस समय जयपुर शहर में  पर्यटक को आनंद की प्राप्ति होती है। लेकिन पर्यटक यह भी ध्यान रखें अगर आप सर्दियों के मौसम में जयपुर के बिड़ला मंदिर देखने का योजना बना रहे हैं तो अपने साथ ऊनी कपड़े यानि के गर्म कपड़े ले जाना ना भूलें क्योंकि इस दौरान यहां रात का तापमान 4 डिग्री तक आ जाता है। परंतु  दिन में मौसम घूमने के लिए सबसे अच्छा होता है। 

 

 

बिड़ला मंदिर जयपुर कैसे जाये  How To Reach Birla Mandir Jaipur

बिड़ला मंदिर जयपुर रेलवे स्टेशन से दूरी लगभग 5 किलोमीटर है। और नारायण सिंह सर्किल से लगभग 1 किलोमीटर है। बिड़ला मंदिर जयपुर के दर्शन करने के लिए राजस्थान की राजधानी जयपुर जा रहे हैं तो आपको बता दें कि आप हवाई यात्रा द्वारा भी जयपुर जा सकते हैं।  जोकि  काफी आरामदायक होगा। जयपुर में स्थित सांगानेर हवाई अड्डा भारतवर्ष के प्रमुख सभी हवाई अड्डे से डायरेक्ट कनेक्ट है। आप सांगानेर हवाई अड्डे से जवाहरलाल नेहरू मार्ग होते हुए बिड़ला मंदिर जयपुर  आ सकते  है जिसकी  दूरी तकरीबन 9 किलोमीटर है। इसके लिए आप किसी टैक्सी या कैब के द्वारा मंदिर आ सकते हैं। 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *