astrocare
domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\astroupdate.com\httpdocs\wp-includes\functions.php on line 6114
श्री शनिदेव सूर्य के पुत्र है एवं मृत्युलोक के ऐसे स्वामी हैं। जो समय आने पर प्रत्येक व्यक्ति के उसके अच्छे-बुरे कर्मों के आधार पर व्यक्ति को सजा देकर उसे सुधारने के लिए प्रेरित भी करते हैं। शनि देव की कृपा पाने को लिए आज हर कोई व्याकुल रहता है। शनि देव के 108 नाम है। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए भक्त, शनि देव की पूजा करते है। या हर शनिवार के दिन व्रत रखते है, और दान पुण्य कर शनि देव को प्रसन्न करने का प्रयास भी करते है। इसके अलावा भी शनि देव के 108 नामों का जाप करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं व्यक्ति को अपनी कुंडली में शनि की अनुकूलता पाने के लिए शनि देव के 108 नामों का जाप करना अति आवश्यक है। ऐसा करना हमारे लिए अधिक मंगलकारी है।
तो आइये जानते है शनि देव के 108 नाम के बारे में।
1 – शनैश्चर- धीरे-धीरे चलने वाला
2 – शांत- शांत रहने वाला
3 – सर्वाभीष्टप्रदायिन् – सभी प्रकार की इच्छाओं को पूरा करने वाला
4 – शरण्य – रक्षा करने वाला
5 – वरेण्य- सबसे उत्कृष्ट
6 – सर्वेश- सारे जगत के देवता
7 – सौम्य- नरम स्वभाव वाले
8 – सुरवन्द्य- सबसे पूजनीय
9 – सुरलोकविहारिण्- सुरह्स की दुनिया में भटकने वाले
10 – सुखासनोपविष्ट- घात लगा के बैठने वाले
11 – सुन्दर- बहुत ही सुंदर
12 – घन- बहुत मजबूत
13 – घनरूप- कठोर रूप वाले
14 – घनाभरणधारिण् – लोहे के आभूषण को पहनने वाले
15 – घनसारविलेप- कपूर के संग अभिषेक करने वाले
16 – खद्योत- आकाश की रोशनी
17 – मंद- धीमी गति वाले
18 – मंदचेष्ट- धीरे से घूमने वाले
19 – महनीयगुणात्मन्- शानदार गुणों वाला
20 – मर्त्यपावनपद- जिनके चरण पूजनीय हो
21 – महेश- देवो के देव
22 – छायापुत्र- छाया का बेटा
23 – शर्व- पीड़ा देना वाला
24 – शततूणीरधारिण्- सौ तीरों को धारण करने वाले
25 – चरस्थिरस्वभाव- बराबर या व्यवस्थित रूप से चलने वाले
26 – अचञ्चल- कभी ना हिलने वाले
27 – नीलवर्ण- नीले रंग वाले
28 – नित्य- अनंत एक काल तक रहने वाले
29 – नीलाञ्जननिभ- नीला रोगन में दिखने वाले
30 – नीलाम्बरविभूषण- नीले परिधान में सजने वाले
31 – निश्चल- अटल रहने वाले
32 – वैद्य- सब कुछ जानने वाले
33 – विधिरूप- पवित्र उपदेश देने वाले
34 – विरोधाधारभूमि – भूमि सम्बन्धी की बाधाओं का समर्थन करने वाले
35 – भेदास्पद स्वभाव – प्रकृति का पृथक करने वाला
36 – वज्रदेह- वज्र के शरीर वाला
37 – वैराग्यद- वैराग्य के दाता
38 – वीर- अधिक शक्तिशाली
39 – वीतरोगभय – भय और बीमारियों से मुक्त रहने वाले
40 – विपत्परम्परेश – दुर्भाग्य वाले देवता
41 – विश्ववंद्य – सभी भक्तो के द्वारा पूजे जाने वाले
42 – गृध्नवाह- गिद्ध की सवारी करने वाले
43 – गूढ़- छुपा हुआ
44 – कूर्मांग- कछुए जैसे शरीर वाले
45 – कुरूपिण्- असाधारण रूप वाले
46 – कुत्सित- तुच्छ रूप वाले
47 – गुणाढ्य- भरपूर गुणों वाले
48 – गोचर – हर कार्य क्षेत्र पर नजर रखने वाले
49 – अविद्यामूलनाश- नज़रअंदाज करने वालों का नाश करने वाले
50 – विद्याविद्यास्वरूपिण्- ज्ञान करने वाले और अनदेखा करने वाले
51 – आयुष्यकारण- लंबा जीवन देने वाले
52 – आपदुद्धर्त्र- दुर्भाग्य को दूर करने वाले
53 – विष्णुभक्त- विष्णु के भक्त
54 – वशिन्- स्वनियंत्रित करने वाले
55 – विविधागमवेदिन्- कई शास्त्रों का ज्ञान रखने वाले
56 – विधिस्तुत्य- पवित्र भावना से पूजे जाने वाले
57 – वंद्य- पूजनीय
58 – विरुपाक्ष- कई नेत्रों वाले
59 – वरिष्ठ- उत्कृष्ट
60 – गरिष्ठ- आदरणीय देव
61 – वज्रांगकुशधर- वज्र-अंकुश रखने वाले
62 – वरदाभयहस्त – डर को दूर करने वाले
63 – वामन- (बौना) छोटे कद वाले
64 – ज्येष्ठापत्नीसमेत- जिसकी पत्नी ज्येष्ठ हो
65 – श्रेष्ठ- सबसे उच्च
66 – मितभाषिण्- कम बोलने वाले
67 – कष्टौघनाशकर्त्र – सभी दुखो को दूर करने वाले
68 – पुष्टिद- सौभाग्य के दाता
69 – स्तुत्य- स्तुति करने योग्य
70 – स्तोत्रगम्य- स्तुति के भजन के माध्यम से लाभ देने वाले
71 – भक्तिवश्य- भक्ति के द्वारा वश में आजाने वाले
72 – भानु- तेजस्वी
73 – भानुपुत्र- भानु के पुत्र
74 – भव्य- आकर्षक
75 – पावन- पवित्र
76 – धनुर्मण्डलसंस्था- धनुमंडल में रहने वाले
77 – धनदा- धन के दाता
78 – धनुष्मत्- विशेष आकार वाले
79 – तनुप्रकाशदेह- व्यक्ति के तन को प्रकाश देने वाले
80 – तामस- ताम गुण वाले
81 – अशेषजनवंद्य- सभी सजीव द्वारा पूजनीय
82 – विशेषफलदायिन्- विशेष फल देने वाले
83 – वशीकृतजनेश- सभी मनुष्यों के देवता
84 – पशूनांपति- जानवरों के देवता
85 – खेचर- आसमान में घूमने वाले
86 – घननीलांबर – गहरा नीला वस्त्र पहनने वाले
87- काठिन्यमानस- निष्ठुर स्वभाव वाले
88 – आर्यगणस्तुत्य- आर्य द्वारा पूजे जाने वाले
89 – नीलच्छत्र- नीली छतरी वाले
90 – नित्य- लगातार
91 – निर्गुण- बिना गुण वाले
92 – गुणात्मन्- गुणों से युक्त
93 – निंद्य- निंदा करने वाले
94 – वंदनीय- वंदना करने योग्य
95 – धीर- दृढ़निश्चयी
96 – दिव्यदेह- दिव्य शरीर वाले
97 – दीनार्तिहरण- संकट दूर करने वाले
98 – दैन्यनाशकराय – कष्टों का निवारण करने वाले
99 – आर्यजनगण्य- आर्य के लोग
100 – क्रूर- कठोर स्वभाव वाले
101 – क्रूरचेष्ट- कठोरता से सजा को देने वाले
102 – कामक्रोधकर – काम और क्रोध को प्रदान करने वाला
103 – कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारण – पत्नी एवं पुत्र की दुश्मनी
104 – परिपोषितभक्त- भक्तों द्वारा पोषित
105 – परभीतिहर- डर को दूर करने वाले
106 – भक्तसंघमनोऽभीष्टफलद- भक्तों के मन की इच्छा पूरी करने वाले
107 – निरामय- रोग से दूर रहने वाले
108 – शनि- शांत रहने वाले।
तो दोस्तों ये है कर्म के देवता शनि देव के 108 नाम है। इन नामो का जाप करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए मंगलकारी होता है। इसके अलावा आप शनि देव के भजन भी सुन सकते है।
अन्य जानकारी :-