Vishv Pashu Divas – जैसा की हम जानते है की जानवरो का भी मानव जीवन पर बहुत असर होता है, पृथ्वी पर हमारा जीवन को बरक़रार रखने के लिए मनुष्य और जानवर के बीच आपसी तालमेल का होना भी जरुरी है,यदि ऐसा नहीं होता है तो हम सभी का पृथ्वी पर जीवन नामुमकिन है,जानवरो की खाद्द श्रंखला और हमारे पर्यावरण पर बहुत असर होता है,इसी से हम आज भी पृथ्वी पर जीवित है।
विश्व पशु दिवस एक ऐसा दिवस है जिसे दुनिया भर में हर साल 04 अक्टूबर को मनाया जाता है हर साल इसी दिन लोग जानवरो की भलाई ओर उनके अधिकारों केलिए काम करते है इस दिन का उद्देश्य ये है की जानवरो के कल्याण की भावना अपने मन्न में रखते हुए पशुओ का कल्याण करना और उन्हें अच्छा और सुखद जीवन प्रदान करना।
Vishv Pashu Divas – हमारे पशुओ पर हो रहे अत्त्याचार,क्रूरता और दुराचार को रोकने और उनकी भलाई करने और उनके जो भी अधिकार है उसके बारे में लोगो को जागरूक करना है इसी मकसद से हर साल 04 अक्टूबर को यानि बुधवार को विश्व पशु दिवस के रूप में मनाया जाता है, हर साल ये दिवस कुछ न कुछ नई थीम के साथ मनाया जाता है
यह दिवस विश्व में प्रथम बार साल 1929 की 04 अक्टूबर को मनाया गया था। इसकी शुरआत एक जर्मन के महान लेखक और प्रकाशक हेनरिक जिमरमैन ने जानवरो के कल्याण और उनके उत्थान के उद्देश्य से इस दिवस की शुरआत की थी।
Vishv Pashu Divas – पशु दिवस के आयोजक हेनरिक जिमरमैन ने की थी। 24 मार्च 1925 को इसका मूल रूप से पशु दीवस का आयोजन किया था। वे केवल लेखक ही नहीं बल्कि उन्होंने द्वि मासिक पत्रिका भी प्रकाशित की इस पत्रिका के माध्यम से उन्होंने पक्षी कल्याण पर अपने मन्न के भाव को प्रकाशित किया, ताकि अधिक से अधिक लोगो तक उनके मन्न के भाव पहुंच सके और पशु कल्याण के विचारो को बढ़ावा मिले
Vishv Pashu Divas – पशु कल्याण के लिए उन्होंने पशु दिवस समिति का गठन किया और अपनी द्वि मासिक पत्रिका के माध्यम से पशु कल्याण हेतु बनाई गई समिति के गठन का प्रचार प्रसार भी किया। 24 मार्च 1925 को विश्व पशु दिवस समिति का भव्य आयोजन किया। उन्होंने उस समय पशु कल्याण के मुद्दों के बारे में लोगो को जागरूक करने का प्रयास किए और सफल भी रहे। बर्लिन और जर्मनी के स्पोर्ट्स पैलेस में इस दिवस का भव्य आयोजन किया। और लगभग 5000 लोगो ने इस आयोजन में हिस्सा लिया। यह कर्यक्रम सेंट फ्रांसिस ऑफ़ असीसी के पर्व के साथ रखा गया था जो 04 अक्टूबर के दिन था। इसी लिए विश्व पशु दिवस 04 अक्टूबर को हर साल मनाया जाता जाता है,
Vishv Pashu Divas – हम आप को बताना चाहते है की असीसी के फ्रांसिस ने अपने चारो और हो रही जानवरो की दुर्दशा को देखा था। और वो इनकी दुर्दशा को सुधारना चाहते थे। और अगले ही कुछ वर्षो में यह कार्यक्र्म का आयोजन किया जाने लगा साल 1929 में यहाँ 04 अक्टूबर को आयोजित किया गया और इसी दिन से हर साल 04 अक्टूबर को विश्व पशु दिवस मनाने का संकल्प लिया,
जिसके बाद से आज पूरी दुनिया जानवरो की भलाई के लिए कार्य किया जाता है और ईद दिन को वर्ल्ड एनिमल डे के रूप में मनाया जाता है,और आप को बता दे की साल 2003 में Naturewatch Foundation ने एक वेबसइट launch की गई थी। जो की सम्पूर्ण रूप से जानवरो और पशु दिवस पर ही आधारित है।
विश्व पशु दिवस क्यों मनाया जाता है – Vishv Pashu Divas Kyo Manaya Jata Hai
Vishv Pashu Divas – हकीकत में विश्व पशु दिवस पशुओ आये दिन होरहे अत्याचार और दुर्व्यवहार होने से बचने के उद्देश्य से और पशुओ के प्रति लोगो को जाकरूक करने के लिए मनाया जाता है यह दिवस और भी उद्देश्यों के लिए मानजा है,जो की निम्मन प्रकार से है,
हर साल कुछ न कुछ अलग थीम पर ये दिवस मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य होता है की लोगो को कुछ खास तरीके से पशुओ की और अपना ध्यान आकर्षित करना और जानवरो की सुरक्षा हेतु नए नए गुर सीख कर हमारे पशुओ की रक्षा करना और उनका सम्मान करना आदि पशु दिवस थीम का लक्ष्य होता है।
जैसा की हम सभी जानते है की पशुओ द्वारा हमारी आर्थिक स्थिति में भी मजबूती आती है। जैसे की हम जानते की दुग्ध उत्पादन से हमारी आर्थिक स्तिथि में बदलाव आता है, गाय,भैस,भेड़,बकरी आदि के दूध,गोबर से दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिलता है,और जानवर के मरने के बाद उनकी खाल से चमड़ा उद्द्योग को भी बढ़ावा मिलता है,
विश्व पशु दिवस दुनिया भर में कई जगहों पर अलग अलग तरीके से मनाया जाता है।
कई तरह के पशुओ हेतु सार्वजानिक स्थानों लोगो के साथ मिलकर सार्वजानिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है,इस आयोजन पालतू जानवरो को गोद लेने की और बे घर (आवारा) पशुओ को आश्रय देने की व्यवस्थ किये जाने का कार्य भी किया जाता है,यही नहीं कुछ पालतू जानवरो के लिए आर्थिक सहायता कीसी भी गौशाला में देने का कार्य भी किया जाता है,
इसके अलावा पशु संघटन और पशुओ के हितो केलिए बनाये गए कानूनों के बारे में लोगो को बताना जागरूक करना और इसी के प्रचार प्रसार के लिए जगह जगह पर सम्मलेन का आयोजन करना आदि।
जैसा की हम जानते है की मनुष्य प्राचीन काल से ही स्वार्थी प्रवर्ति का रहा है जिसने सभी सीमाओं को लाँघ कर पृथ्वी का पूर्ण रूप से शोषण भी किया है आज के समय में केवल मनुष्य ने ही पृथ्वी पर मौजूद अनन्य प्राणियों और हमारी प्रकर्ति के अनेको तत्वों के साथ साथ हमारे पेड पौधे को भी नस्ट कर दिया है जानवरो की कई प्रजाति हमारे पृथ्वी से विलुप्त हो गए और कुछ अपनी विलुप्ति की कगार पर है,
यदि हमारे द्वारा कोई भी कठोर कदम नहीं उठाया गया तो पृथ्वी से मनुष्य का जीवन भी समाप्त हो जायेगा ऐसी परिस्तिथि में हमे पृथ्वी पर संतुलन बनाये रखने के लिए जीव जंतु,पेड-पौधे,और पशु-पक्षी से हमे ताल मेल बनाये रखना भी जरुरी है।