जानिए कब है सावन का पहला सोमवार 2023 कब है और इसे कैसे मनाया जाये।
सावन का पहला सोमवार 2023 – जैसा कि हम सब जानते हैं सावन के महीने का इंतजार सभी को रहता है क्योंकि इस पावन महीने में व्रत त्योहार एवं आस्था चरम सीमा पर रहती है। साल 2023 में सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई 2023 को शुरू होगा। यह दिन सभी शिव भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने वाला दिन होगा क्योंकि कहा जाता है कि सावन के प्रथम सोमवार का महत्व साक्षात शिव की सेवा के समान है। इस दिन भक्त पूजा करते है शिव जी के भजन सुनते है और भक्ति में लीन रहते है।
सावन का पहला सोमवार – सम्पूर्ण जानकारी
सावन का पहला सोमवार 2023 – सावन का महीना हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है। श्रावण मास में महादेव की पूजा कएने का विशेष विधान है। इस महीने में सावन सोमवार व्रत का सर्वाधिक महत्व रखता है। श्रावण मास भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय होता है। सभी भक्त अपनी ओर से भोलेनाथ को प्रसन्न करने का भरपूर प्रयास करते है।
सावन का पहला सोमवार 2023 – सावन का महीना पूर्णरूप से भगवान भोलेनाथ के नाम होता है। पूरे सावन में भक्त भोले नाथ की आराधना करने में लीन रहते हैं। सभी भक्त सोमवार का व्रत रखते हैं। ऐसी माना जाता है कि बेलपत्र और जल चढ़ाने सेभगवान् शिव जी प्रसन्न होते है। जिससे भक्तो की मनोकामना पूर्ण होती है। इस महीने में भक्त कई धार्मिक स्थलों पर जाते है,
सावन का पहला सोमवार 2023 – भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने भी जाते हैं। इस महीने में सोमवार का व्रत और सावन स्नान की परंपरा भी है। लाखों भक्त सावन में पैदल कावड़ यात्रा पर भी जाते हैं। इस महीने कावड़ यात्रा का भी खास महत्व रहता है। साथ ही ऐसा माना जाता है,की सोलह सोमवती का व्रत करने से कुआंरी कन्याओं को मनचाहा जीवन साथी (पति) मिलता है।
शिव भक्त इस पावन महीने को पर्व के रूप में मनाते हैं। महादेव के विभिन्न प्रकार के रूपों का वर्णन करते हुए कहा गया है कि सावन का महीना बड़ा मन मोहित होता है और सेवा के लिए उत्तम महीना होता है।
पूजा विधि
- सावन के पूरे माह सूर्योदय से पहले जागें, स्नान आदि से निवृत होकर, अपने घर के पूजा स्थल को स्वच्छ कर वेदी स्थापित करें।
- शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव के शिवलिंग को दूध चढ़ाएँ। महादेव के व्रत का संकल्प लें। दिन में दो बार भगवान शिव की प्रार्थना जरूर करें।
- शिव पूजा में तिल के तेल का प्रयोग जरूर करें। मंत्रोच्चार करते समय शिव को सुपारी, पंच अमृत, नारियल और बेल की पत्तियाँ चढ़ाएँ। सावन के व्रत के दौरान सावन व्रत कथा का पाठ अवश्य करें। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- संध्याकाल में पूजा की समाप्ति होने के बाद व्रत खोलें और सामान्य भोजन ही करें। सावन महीने में हरे रंग का विशेष महत्व है। भगवान भोलेनाथ का प्रिय रंग है हरा है। इसलिए सावन महीने में महिलाएं हरी सड़ियां या सूट पहनती हैं। स्त्रियां हाथो में मेहंदी भी लगती हैं।
- सावन के पवित्र महीने में कुंवारी लड़किया भी पुरे सावन के महीने में व्रत रखती है।
- हमारी ऐसी मान्यता है की सावन में शिव भगवान् की आराधना करने से भक्तो की सभी मनोकामना पूर्ण होती है।
सावन का पहला सोमवार व्रत कैसे करें
सावन का पहला सोमवार 2023 – भक्तों प्रभु की सेवा किस प्रकार की जाए इसका वर्णन किसी भी कथा किताब और प्रवचन में स्पष्ट नहीं है। प्रभु सेवा का भाव देखते हैं ना की सेवा की विधि, परंतु हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को एवं पूजा-पाठ को विधिपूर्वक करना बताया गया है। इस कारणवश हम आपको शिव की पूजा की सही विधि बताने जा रहे हैं
सावन का पहला सोमवार 2023
- सर्वप्रथम एक लोटा जल में कच्चा दूध डालने एवं पूजन सामग्री की थाली तैयार कर लें।
- पूजन सामग्री में बिलपत्र, फूलों की माला, कंदमूल, आंकड़े के फूल, चंदन, रोली, मौली, नारियल, चावल एवं प्रसाद लेवे
- सर्वप्रथम महादेव के सामने आसन लगाकर बैठे और शिवलिंग पर जल चढ़ाएं तत्पश्चात सभी पूजन सामग्री को ईश्वर के चरणों में रख देवे
- चंदन से शिवलिंग पर ओम नमः शिवाय लिखें
- ईश्वर को प्रसाद चढ़ाएं एवं एक घी का दीपक जरूर करें
- 108 बार ओम नमः शिवाय का जप करें
- जब करने के बाद ईश्वर से अपनी मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करें और नतमस्तक होकर प्रभु का आशीर्वाद लें
- आप सावन के सोमवार के दिन व्रत भी रख सकते हैं, यह भक्तों की स्वेच्छा पर निर्भर है